शिक्षा जीवन के लिए हो, प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं- प्रकाश चन्द्र

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बक्सर खबर : शहर के अहिरौली स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में रविवार को चार दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ किया गया। शिशु शिक्षा प्रबंध समिति एवं भारती शिक्षा समिति बिहार द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिरों एवं विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्य इसमें शामिल हुए हैं। सम्मेलन का उदघाटन मुख्य अतिथि विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री प्रकाश चन्द्र, प्रदेश मंत्री नंद किशोर पांडेय, चन्द्रशेखर वर्मा, सदस्य उतारा सिंह ने संयुक्त रुप से मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्जवलित व पुष्पार्चन कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय मंत्री डा. कमल किशोर सिन्हा ने की। वही संचालन विभाग प्रमुख डॉ धीरेन्द्र झा ने किया।

अतिथियों को अंग वस्त्र व पुष्प गुच्छ देकर प्रधानाचार्य मिथिलेश ठाकुर ने सम्मानित किया। विॆषय प्रवेश करते हुए प्रदेश सचिव अमरनाथ वर्मा ने कहा शिक्षा संस्कार की सतत प्रक्रिया है। शिक्षा जीवन मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा जीवन के लिए हो। प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं। शिक्षा स्वाभिमान और आत्म गौरव बढ़ाने वाली हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा का भारतीय करण हो जो हमारी राष्ट्रीय शिक्षा का एक स्वरूप बन सके। शिक्षा में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए प्रयास करना है।

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इसके अलावा पूरे दिन चक्रीय बैॆठकों में पंचपदी शिक्षण पद्धति, सामाजिक सरोकार के कार्यक्रम , हमारा लक्ष्य समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। सम्मेलन देशभर में संचालित विद्या भारती के विद्यालयों में एकरुपता लाने,  शैक्षणिक विकास और गरीबों को बेहतर शिक्षा देने में मील का पत्थर साबित होगा. आभार ज्ञापन विद्यालय के मंत्री डॉ रमेश कुमार ने किया. मौके पर प्रकाश चन्द्र जायसवाल, राजेन्द्र प्रसाद, एचएन सिंह, ब्रह्मदेव प्रसाद, रमेश चन्द्र द्विवेदी, मथुरा नाथ पांडेय, मिथिलेश राय, परशुराम राय समेत अन्य लोग मौजूद थे.

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