बक्सर खबर। गांव के स्कूल से ककहरा पढ़कर निकली डॉली, अब बड़ी हो गई है। उसकी सकारात्मक सोच व अच्छी समझ ने उसे नई पहचान दी है। जामिया मिलिया इस्लामियां विश्वविद्यालय से पढ़ाई करते हुए उसने पत्रकारिता का गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। आज 30 अक्टूबर को दीक्षांत समारोह के दौरान उसे विश्व विद्यालय द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। इस सफलता के लिए बक्सर खबर ने उसे बधाई दी। इस क्रम में बातचीत भी हुई।
जो उसने कहा वह मौजूदा वक्त की जरुरत है। या यूं कहें पत्रकारिता का मकसद ही उसने चंद शब्दों में स्पष्ट कर दिया। बदलाव ही पत्रकारिता का मकसद है। अगर आप सकारात्मक बदलाव नहीं ला पाए। तो क्यूं लिख रहे हैं। पत्रकारिता से समाज को आप क्या देना चाहते हैं ? यह हर पत्रकार को सोचना चाहिए। डॅाली की बातें सुनकर ऐसा लगा। उसने सिर्फ पढ़ाई ही नहीं की। पत्रकारिता को समझा भी है। लगे हाथ हमने शिक्षा और परिवार के बारे में पूछा। उसने बताया पिता का नाम संजय मिश्रा और मां का नाम रागिनी मिश्रा है।