‌‌‌सबने कहा न्यायालय का फैसला सर्वमान्य, होनी चाहिए ईबादत

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बक्सर खबर। ईबादत चाहे खुदा की हो या भगवान की। वह तो अमन के लिए होगी। इस लिए कानून के इस फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए। यह बात आज शनिवार को शहर के प्रबुद्ध जनों ने कहीं। उनकी राय जानने के लिए रायसुमामरी की गई। सीताराम विवाह आश्रम नया बाजार के महंत राजाराम शरण दास जी महाराज ने कहा यह फैसला पूरे देश के हित में है। इसका सभी को सम्मान करना चाहिए। यह दोनों मजहब के बीच आपसी सौहार्द का बढ़ाने वाला है। वहीं दूसरी तरफ लक्ष्मीनारायण मंदिर चरित्रवन के महंत राजगोपाला चार्य उपाख्य त्यागी जी ने कहा यह खुशी का दिन है। बहुत ही पुराना मामला अब समाप्त हो गया है। यह सबके भले के लिए है।

कचहरी मस्जिद के ईमाम मुफ्ती मोहम्मद असगर रजा मिस्बाही ने कहा सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सबके लिए मान्य है। यह संविधान पसंद देश है। इसका स्वागत होना चाहिए। बड़ी मस्जिद के इमाम मौलाना मंजर ने कहा कि न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। खुदा ने मुल्क की सलामती के लिए कुछ अच्छा सोचा होगा। तभी तो ऐसा हुआ है। नगर के पूर्व वार्ड पार्षद व पूर्व अध्यक्ष बिहार प्रदेश एतेहदुल मुस्लमीन निसार अहमद ने कहा कि वह जगह ईबादत की है। चाहे भगवान की हो या खुदा की। इसका सभी को स्वागत करना चाहिए। मुल्क की सलामती के लिए इसका स्वागत होना चाहिए। वहीं आप पार्टी के युवा नेता शुभम उपाध्याय ने कहा कि इस फैसले के लिए भारत का न्यायालय और सरकार दोनों बधाई के पात्र हैं। जिन्होंने कानून और संविधान के दायरे में रखकर यह फैसला दिया।

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