साहित्य समीक्षा- रामायण व महाभारत भी साहित्य

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बक्सर खबर : नगर भवन में इन दिनों पुस्तक मेला लगा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ प्रतिदिन संगोष्ठी भी हो रही है। गुरुवार को विषय था साहित्य के आइने में इतिहास। कार्यक्रम की अध्यक्षता जवाहर प्रसाद कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा रामायण और महाभारत साहित्य हैं। समकालीन साहित्य, जो इतिहास तक पहुंचने के महत्वपूर्ण आधार हैं। कुमार नयन ने कहा साहित्य तथ्य प्रस्तुत नहीं करता। लेकिन, अपने समय का सत्य अवश्य प्रस्तुत करता है। डा. दीपक राय ने कहा मिथको का समुच्चय होता है साहित्य। ये मिथक मनुष्यता को स्थापित करने वाले होते हैं। इतिहास निर्भय व कठोर होता है। महज तथ्य नहीं होता। सत्य के प्रति आग्रही होता है। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक विमल कुमार सिंह ने किया। अन्य प्रमुख लोगों में संजीव कुमार अग्रवाल, दीपक राज, रवि राय, लक्ष्मी कुमारी, मुस्तकीम आलम, शेखर, अजय मिश्रा इसमें शामिल हुए। उपस्थित लोगों में नरेन्द्र कुमार शर्मा, वंदना राय, रागिनी, नूतन, सरिता, प्रिया व सौरभ थे। आयोजकों के अनुसार कैम्ब्रीज स्कूल के छात्रों ने पुस्तक मेले में जमकर खरीदारी की। जिससे पुस्तकें कम पड़ गयी। दस दिवसीय मेले का गुरुवार को पांचवां दिन था।

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