शहर को जहर दे रहा नगर परिषद

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बक्सर खबर : शहर वासियों सावधान। आपका जीवन सुरक्षित नहीं है। क्योंकि आपको जहर दिया जा रहा है। शहर के लोग इससे बेखबर हैं। क्योंकि उन्हें आदत लगी है। बर्बादी देखने की। जब तक कोई दूसरा आवाज नहीं उठाए। सभी तमाशा देखते हैं। इस तस्वीर को गौर से देखिए। एक तरफ प्रकृति दूसरी तरफ कचरे से उठता काला धुंआ। सरकार भी शहर में किसी को इतने बड़े पैमाने पर जहर उगलने की अनुमति नहीं दे सकती। पर अपने शहर में कोई और नहीं नगर परिषद ही ऐसा कर रहा है। जिसके उपर शहर को साफ और स्वच्छ रखने का जिम्मा है। तस्वीर बाइपास रोड की है।

जहां सड़क किनारे कूड़ा भरा जा रहा है। यह नई बात नहीं है। पिछले कई साल से यह खेल चल रहा है। नहर से लगी चाट कब्जा करने वाले। नगर परिषद के कर्मचारियों और सफाई कर्मियों ने मिलकर कूड़ा डंप करवाते हैं। फिर उसे जला कर उपर से मट्टी डाल देते हैं। हो गया सरकारी जमीन पर कब्जा। लेकिन यह तबाही का मंजर अब एक वृक्ष की बली लेने वाला है। गर्मी बढऩे के साथ कूड़े की आग का ताप बढ़ता जा रहा है। जहरीला धुंआ शहर के लोग पी रहे हैं। और बली चढ़ रहा है यह पेड़। क्या इसे कोई बचा सकता है। फायर ब्रिगेड की गाड़ी यहां किसके कहे पर आएगी। शायद डीएम खबर पढ़े तो ऐसा हो सकता है। लेकिन एक सवाल यह भी है। 42 विभागों का मालिक जिला कलेक्टर भला पेड़ का दर्द क्यूं सूने। अगर यहां की आग बूझ जाए तो प्रकृति की रक्षा भी होगी। तो क्या इस बेहतर पहल के लिए डीएम से उम्मीद की जा सकती है। हां या ना तो आने वाला वक्त बताएगा। या फिर एक वृक्ष भ्रष्ट राज तंत्र की भेट चढ़ जाएगा !

इस खबर के लिए आप भी अपने सुझाव दे सकते हैं (अविनाश -9431081027)

1 COMMENT

  1. जिलाधिकारी के स्वच्छता अभियान का एक अभिन्न अंग है

  2. Dm ko shirph jeb bharne se mwtlab hai ushko janta se kya matalab janta jaye badme apni kurshi salamat rahani chahi ye ham ush din ki baat bata rahe hai jab pura ba pass road par dhuaa uta tha tabhi achanak ake baaek vala udhar se aaraha tha aur udhar se bhi baek wala dhuve ki bajah se ushtraph ka adami nahi laka rahe the jiske vajah se dono bbaek me takar hogaye un dono ke bajhase ake budha vakati ko bhi chot lagithi esh liye me dm se raye karta hu jitana se jitana jaldi ho sake esh kachare ko band karde ham to ye hi raye denge esh ke vajah se ush traph koe jata tak nahi ham log ka ghar edhar hi hai ham log jante hai esh duave ki vajh se kitana dikat hai

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