विकृति से बचने के लिए शरीर के नौ मार्गों पर रखे नियंत्रण

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बक्सर खबर : मानव का जीवन बहुत ही कल्याणकारी है। आप चाहे तो दूसरों की आसानी से मदद कर सकते हैं। लेकिन सामाजिक परिवेश में उचित संस्कार न मिलने से लोग अपने धर्म और कर्म दोनों से विमुख हो रहे हैं। अपने आप को इन अपकृत्यों से बचाने के लिए शरीर के नौ मार्गों पर नियंत्रण रखना चाहिए। क्योंकि यहीं से गलत आचरण का प्रवेश होता है। यह नौ मार्ग हैं दो हाथ, दो कान, दो आंख, मुंह, मल व मूत्र मार्ग। इनके अलावा भी शरीर में दो मार्ग होते हैं। जो परमात्मा द्वारा पोषण के माध्यम हैं। वे मानवीय चेतना विकसित होने के साथ वे धीरे-धीरे बंद हो जाते हैं। उन दो में प्रथम मार्ग है नाभी तथा द्वितीय मार्ग है तालुक अर्थात सर का वह कोमल भाग जो जन्म के समय सबसे कोमल होता है। नाभी गर्भ में रहने के दौरान शिशु के पालन का आधार होती है।

यज्ञ का पोस्टर

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