मिसेज इंडिया बनी बक्सर की बेटी, रौशन करेगी जिंदगी

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बक्सर खबर : बिहार की मिट्टी उर्वरा है। यह बात किसी से छिपी नहीं। यहां के लोग विश्व के हर कोने में अपना लोहा मनवा चुके हैं। पिछले वर्ष मिसेज इंडिया बाडी फिट चुनी गई किरण शोभा भी उन्हीं में से एक है। किरण को बक्सर की बेटी होने का गौरव प्राप्त है। इनके पिता जयनाथ सिंह इटाढ़ी के खरहना के रहने वाले हैं। एयर फोर्स की सेवा कर चुके श्री सिंह की बेटी किरण फिलहाल गाजियाबाद में रहती हैं। दिल्ली में पिछले वर्ष हुए मिसेज बाडी फिट प्रतियोगिता में उन्हें मिसेज इंडिया चुना गया।

अचीवर अवार्ड के लिए हुआ चयन

सामाजिक कार्यो के लिए मिलेगा अचीवर अवार्ड
बक्सर : किरण प्रारंभ से ही सोशल वर्क करती आ रही हैं। कभी अनाथ बच्चों के लिए। कहीं स्कूलों में एवेयरनेस। यही नहीं स्वच्छता के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किया है। उन्होंने बताया नियमित रुप से अनाथ बच्चों के लिए डोनेशन देती हैं। उनकी लगन और प्रतिभा को देख सरकार ने उन्हें चन्द्रपुरा का ब्रांड एंबेसडर बनाया है। उनके सामाजिक कार्यो के लिए हरियाणा के करनाल में रविवार अर्थात 26 फरवरी को पंडित दिन दयाल उपाध्याय अचीवर अवार्ड प्रदान किया जाएगा।

बच्चों के साथ समय देती किरण

बच्चों को करती हैं जागरुक
बक्सर : किरण ने बक्सर खबर से बातचीत में कहा कि मिसेज इंडिया बनने से पहले मैं बच्चों को एवेयर करने का कार्य करती हूं। इस बीच माडलींग का मौका मिला। मैने इसके साथ स्कूलों में जन जागरुकता का कार्य प्रारंभ रखा। हमने उनसे प्रश्न किया। आप स्कूली छात्रों को क्या सीख देंगी? उनका जवाब था बच्चे ही नहीं उनके अभिभावक को भी जागरुक करने की जरुरत है। आप अपने बच्चों को परेशान नहीं करें। वे जो चाहें बनने दें। एक खराब डाक्टर बनने से अच्छा है व अच्छा पेंटर बने। अथवा उसकी जो रुचि हो वह बने। आज जरुरी है, छात्रों, युवाओं और उनके अभिभावकों को यह सीख देने की।

जीवन के अंधेरे में रौशनी लाना चाहती हैं किरण
बक्सर : किरण शोभा जैसा नाम वैसे विचार। बातचीत के दौरान हमने उनसे पूछा। आपका अगला लक्ष्य क्या है। उनका जवाब था आंख दान करने की योजना है। देश में ऐसे लाखों लोग हैं। जो बचपन से ही देख नहीं सकते। हम उन्हें अपनी आंखे दे सकते हैं। मेरा अगला प्रयास यही है। मैंने इसकी शुरुआत खुद से की है। हम चाहें तो स्वयं के जाने के बाद भी दुनिया को अपनी आंखों से देख सकते हैं। यह प्रयास सभी को करना चाहिए। वे अब आई डोनेशन का अभियान चलाने वाली हैं। जिसका कार्य उन्होंने स्वयं के स्तर से प्रारंभ कर दिया है।

2 COMMENTS

  1. “घर घर होगा शौचालय”. गांव में शौचालय निर्माण एक अभियान न होकर एक व्यवसाय हो गया है। हर घर में ऐसे शौचालय होते हुए भी औरत मर्द खुले में शौच के लिए जाते हैं और गंदगी फैलाते हैं। स्पॉट वेरिफिकेशन करना हो तो राजपुर प्रखंड के बभनी गांव के नहर और रोड का मुआइना कर लिया जाए।

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