बिजली विभाग प्रकरण – दलित उत्पीडऩ का एफआइआर

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बक्सर खबर : बिजली विभाग में हुए बवाल धीरे-धीरे अंत की तरफ बढ़ रहा है। सड़क जाम करने के मामले में पुलिस भाजपा सांसद अश्विनी चौबे, रामजी सिंह, राणा प्रताप सिंह समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन, यह धाराएं ऐसी नहीं हैं जिसमें किसी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सके। वह भी तब जब अभियुक्त सांसद हों।

वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी(103/17) में कार्यपालक अभियंता ने मारपीट के साथ दलित उत्पीडऩ का मामला भी दर्ज कराया है। उनके अनुसार राजपुर के जेई राकेश कुमार राम को इन लोगों ने इतना मारा कि उनका जबड़ा टूटते बचा। उन्हें जाति सूचक शब्दों से संबोधित किया गया। क्या इस संगीन मामले में किसी की गिरफ्तारी होगी। यह पूछने पर पुलिस ने कहा यह मामला पूर्ण रुप से आपसी विवाद का था। साथ ही अगर किसी के साथ जाति वाली घटना होती है। तो उसे स्वयं शिकायत करने का अधिकार है। किसी दूसरे के कहने पर दलित उत्पीडऩ की धारा प्रभावी नहीं होती। बहर हाल पूरे मामले पर नजर डालें तो मजे हुए नेता और बिजली विभाग के अधिकारी, सभी बाहर रहेंगे। क्योंकि भाजपा द्वारा दर्ज प्राथमिकी (102/17) में पहले ही न्यायालय ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

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