डुमरांव में आज भी विराजमान हैं महारानी उषा रानी

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बक्सर खबर : उनका नाम सदा जीवित रहता है। जो अपनी कृति छोड जाते हैं। समाज के भले के लिए जो बेहतर करते हैं। यह समाज उन्हें आदर सहित याद करता है। ऐसा ही सू विख्यात नाम है महारानी उषा रानी का। उनका जन्म उत्सव शनिवार को डुमरांव में उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस तिथि को प्रत्येक वर्ष शहर के उस विद्यालय में विशेष आयोजन होता है। जिसे अपने जन्मदिन के मौके पर कभी महारानी ने स्वयं स्थापित किया था। उनकी याद में इसका नाम भी उनके नाम पर ही है। डुमरांव राजगढ में यह उच्च विद्यालय संचालित है।

प्रजावत्सला महारानी उषा रानी ने लोकहितार्थ अनेकों कार्य किए गए हैं । जिनमे महारानी उषारानी बालिका मध्य विद्यालय एवं महारानी उषारानी बालिका ऊंच विद्यालय का स्वयं अपने पुनीत हाथों से प्रारंभ करना उनके जनोपयोगी कार्य के जीवंत प्रमाण है । यहाँ तक की महाराजा कमल बहादुर सिंह जी द्वारा लोक कल्याण के निर्मित जितने भी कार्य किये गए हैं उन सभी में एक उत्प्रेरक शक्ति के रूप में उनका ही योगदान रहा है। लोग बताते हैं उनके दर पर जाकर कोई भी खाली हाँथ नहीं लौटता था । उन्हें यह एहसास था कि मैं उन महान पूर्वजों की वधु हूँ जिन्होंने लोकल्याणार्थ अपने तिजोरी को खोल दिया था । महाराज बहादुर के राजत्व काल में जो भी शिक्षा एवं स्वास्थ के क्षेत्र में काम हुए है उनमें महारानी का विशेष योगदान रहा है।

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राज अस्पताल को अनुमंडल का सिरसस्थ अस्पताल बनाने में महारानी साहिबा का अन्यतम योगदान था । उनकी याद में जन्मोत्सव के मौके पर महारानी उषा रानी बालिका मध्य विद्यालय के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्घाटन महाराज बहादुर कमल सिंह , युवराज चंद्र विजय सिंह, मानविजय सिंह, मुख्य अतिथि मृत्युंजय कुमार (प्राचार्य डायट डुमराँव) ने संयुक्त रूप से किया।  कार्यक्रम में राज परिवार की युवरानी श्रीमती कनिका सिंह,  महाराज कुमार शिवांग विजय सिंह, समृद्ध विजय सिंह की गौरवमयी उपस्थिति रही । साथ ही शिक्षाविद ब्रम्हा पांडेय , विमलेश कुमार , मनीष कुमार शशि , अम्बरीष पाठक , सोनू राय , मुरली प्रसाद सहित कई लोगों की उपस्थिति रही ।

सांस्कृति कार्यक्रम में शामिल छात्राएं

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